वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए गए गिरोह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि इसके पहले उन्होंने पांच किशोरियों को अगवा कर बेचा था। ये किशोरियां बिहार व झारखंड की थीं। किसी को दिल्ली तो किसी को हरियाणा में बेचा है।
एटा से गिरफ्तार किया गया मानव तस्करी का गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से किशोरियों को अगवा करता है। पहले गिरोह की महिला सदस्य किशोरी से मिलेगी। उसके दुख-दर्द को बांटेगी और फिर मदद के नाम पर ले जाएगी। इसके बाद पीड़ित का निकलना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं गिरोह का सरगना दंपती अपना धर्म वही बताता था, जो किशोरी का होता था।
इसी वजह से दोनों ने हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के नाम रखे हैं। रायपुरवा एसओ अमान सिंह ने बताया कि इकबाल ने अपना नाम राजू व चांदनी ने पूजा रखा हुआ था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इससे किशोरी आसानी से जाल में फंस जाती थी।
दिल्ली-हरियाणा में बेचा किशोरियों को
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इसके पहले उन्होंने पांच किशोरियों को इसी तरह से अगवा कर बेचा था। ये किशोरियां बिहार व झारखंड की थीं। किसी को दिल्ली तो किसी को हरियाणा में बेचा है। पुलिस को आशंका है कि इन पीड़िताओं का इस्तेमाल भीख मंगवाने, देह व्यापार कराने और बंधुआ मजदूरी कराने में हो रहा है। पुलिस आरोपियों के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाल रही है। जल्द बड़ा खुलासा हो सकता है।
इनको बनाते थे निशाना
10-15 वर्ष की बच्ची व किशोरियों को गिरोह निशाना बनाता था। गिरोह के सदस्य रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर घूमते थे। जब भी कभी कोई किशोरी अकेली खड़ी दिखती थी तो उनसे महिला बातचीत करने का प्रयास करती थी। जो इनकी बातों में आ जाती थी, उनको अपने साथ ले जाती थी।
खातों का विवरण जुटा रही पुलिस
पुलिस को आशंका है कि गिरोह में कई और लोग शामिल हैं। मास्टर माइंड यही दंपती है या कोई और यह भी पता किया जा रहा है। पुलिस इन सभी के बैंक खातों का विवरण भी जुटा रही है। डीसीपी का कहना है कि किशोरियों को खरीदने वालों के बारे में जानकारी कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।